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शुक्रवार को है हनुमान जयंती, जरूर करें ये उपाय

Submitted by Shanidham on 19 Apr, 2019

इस बार शुक्रवार 19 अप्रैल को हनुमान जयंती पूरे देश भार में मनाई जाएगी। हनुमान जयंती पर बंजरंग बली की पूजा से जहां सभी प्रकार के भय और कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं कई रुके हुए काम भी पूरे होते हैं। हनुमान जयंती के दिन व्रत पूजा और विभिन्न उपाय करने से बजरंग बली की कृपा जरूर मिलती है।
 
यहां आपको बता रहे हैं तीन उपायों के बारे में जिन्हें इस हनुामन जयंती पर करने से न केवल आपके पास आर्थिक समृद्धि आएगी बल्कि आपको कष्टों का भी निवारण हो सकेगा। आगे पढ़ें इन उपायों के बारे में...
 
-हनुमान जी के मंदिर में चमेली के तेल का दीपक जलाएं और सुन्दरकाण्ड का पाठ करने के पश्चात मंदिर में प्रसाद बाटें।
 
-इस दिन 5 देसी घी के रोट का भोग हनुमान जी को लगाएं। इससे दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
 
-श्री बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए श्री राम नाम का संकीर्तन करें। 
• गौमाता की विधिवत पूजा के साथ ही हमें उसे सहलाना चाहिए। गाय की पीठ, मुंह पर हाथ फेरने से गाय अतिप्रसन्न होती है। 
• गाय को घास खिलानी चाहिए। गाय की ऐसी सेवा से वह खुश हो जाती है और हमें आशीर्वाद देती है। इसके प्रभाव से हमारा बुरा समय टल जाता है और परेशानियां दूर हो जाती है। यह सभी जानते हैं कि जिस घर में गाय रहती है उस घर में कभी धन-धान्य कोई कमी नहीं रहती है। इस बात से स्पष्ट है कि गाय की प्रसन्नता हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती है। 
• गाय की पवित्रता इसी बात से स्पष्ट होती है कि भागवत में श्रीकृष्ण ने भी गौमाता को पूजनीय बताया है।
• भोजन से पहले गो ग्रास देने की आदत सभी परिवारजनों में डालें। परिवार के बच्चों एवं अन्य सदस्यों के साथ गाय के महत्त्व की चर्चा करें।
• गौ से सम्बंधित पर्वों जैसे गोपाष्टमी, गोवत्सद्वादशी, बलराम जयंती, जन्माष्टमी, मकर संक्रांति इत्यादि में सम्मिलित हों फलों एवं सब्जियों का उपयोग में न आने वाला हिस्सा कचरे में न डाल, गौवंश को दें घर के सामने आने वाले गोवंश को पानी पिलायें| बचे हुए अन्न सब्जी आदि को भी गौवंश को समर्पित करें।
• प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करें! कचरा प्लास्टिक की थैलियों में भरकर न फेंकें क्योंकि ये थैलियाँ ही गाय का आहार बनती हैं तथा प्लास्टिक की थैलियाँ खाने से गौ वंश अस्वस्थ होकर मृत्यु का ग्रास बनता है।
• गौ सेवा हेतु दैनिक बचत की प्रक्रिया आरम्भ करें जिसमें एक निश्चित राशि को दैनिक, साप्ताहिक या मासिक रूप से संचित करें जमा हुई राशि से गो ग्रास खरीद कर गौ वंश को खिलाएं या किसी जिम्मेदार गौशाला को दान में दें।